मनोरंजन या व्यवसाय के रूप में आज स्क्रीन समय भयजनक रूप में बढ़ गया है । परिणाम स्वरूप, अनेक लोग आँखों के सूखापन से पीड़ित होते है।
इस परिस्थिति में त्रिफला वरदान रूप है।
आयुर्वेद के शास्त्रीय ग्रंथों में त्रिफला का महत्वपूर्ण अभ्यास है। त्रिफला से दृष्टि रोगों में सुधार होना यह आयुर्वेद क्षेत्र में सर्वविदित है।
आधुनिक विज्ञान भी इसे समझने लगा है ।
एक से अधिक संशोधनों का निष्कर्ष है की कोष्ठ में पलटे जीवाणु (GUT microbes) के वृद्धि विकास से रोग निवारण हेतु त्रिफला को अन्य prebiotic और probiotic युक्त आहार के साथ लेना चाहिए।[१] उसे आधुनिक विज्ञान Synbiotic द्रव्य कहते है।
(Probiotics are beneficial gut flora while prebiotics are mostly non-digestible fiber. Synbiotics are synergistic combinations of prebiotics together with probiotics. So, this is the key difference between probiotics and prebiotics and synbiotics.)
त्रिफला प्रभावी prebiotic है[१]।
एक अन्य शोधपत्र अनुसार, जब Limosilactobacillus reuteri नामक सूक्ष्म जीवाणु अन्न परमाणु के विभंजन में मदद करते है। गौ दुग्ध और दुग्ध की मंथन किए प्रसाद अर्थात तक्र, छाश, घी में पाए जाते है।
(“Good” bacteria such as L. reuteri can help break down food, absorb nutrients, and fight off “bad” organisms that might cause diseases.)
Limosilactobacillus reuteri के विकास में त्रिफला प्रभावी है और Limosilactobacillus reuteri के होने से dry eyes के रोग का निवारण होता है। [२]
[२] https://asm.org/Newsroom/Featured/An-Oral-Probiotic-Can-Treat-Dry-Eye-Disease