मातृत्व से प्राण पोषण

Marut

Motherhood

वस्त्रा पुत्राय मातरो वयन्ति । – ऋगवेद

इसका शाब्दिक अर्थ है – बच्चों के लिए माताएं वस्त्र बुन रही हैं। वेदों में जहां-जहां बुनाई का उल्लेख आया है, वहां-वहां बुननेवाली (वयन्ति) शब्द आया है।

अन्न, वस्त्र और वास्तु यह तीन हमारे वातावरण के आयाम है जो हमारे अस्तित्व पर सदैव प्रभाव छोड़ते रहते है। यह तीन प्राण वाहक का कार्य करते है। प्राण है तो जीवन पुष्ट है। यह तीनों की बागडोर मातृत्व शक्ति के पास रखने का संकेत है। क्यूँकी माता का भावपूर्ण मन प्राण को सक्रिय बना देता है।

आज बात करते है वस्त्र की – बुनाई की ।

परम्पराये ऐसी है की गर्भवती स्त्री आनेवाले बालक हेतु बुनाई करती है।

गर्भावस्था के दौरान इस बुनाई अभ्यास से,

1) माँ अपना खाली समय एक गतिविधि पर केंद्रित करके बिताती है -> स्थिर मन -> स्थिर मस्तिष्क -> स्थिर हार्मोन -> गर्भ का सम्यक विकास
एकग्रता हेतु बुनाई एक माध्यम है। अन्य ऐसी कलाओ पर भी केंद्रित हो सकते है ।
2) माँ अपने बच्चे के विकास की योजना पर विचार कर उसकी तैयारी शुरू कर देती है। यह भविष्य के विचारों \ स्वपनों के अनुसार बालक के भौतिक विकास को प्रेरणा मिलती है। सूक्ष्म रूप से माँ, अपने प्राण और मन की आहुति देती है जो वस्त्रों के माध्यम से बालक का पोषण करती है ।

3) माँ एक गतिविधि पर ध्यान केंद्रित करती है -> अपनी रचनात्मक क्षमता का उपयोग करती है -> अपने बच्चे के भविष्य के विकास के बारे में भगवान की अंतर्ज्ञान प्राप्त करने का यही एकमात्र तरीका है (रचनात्मक होने के लिए, एकाग्रता आवश्यक है)

अब प्रश्न न कीजिए के यह काम पिता क्यूँ न करे?
करो भैया – पिता भी करो पर माता के साथ ! मात्र पिता नहीं, घर के सभी सभ्यों को आनेवाले बालक से भावनात्मक, प्राणिक संबंध हेतु, कुछ न कुछ कृति तैयार करनी चाहिए।

वास्तविकता की उपेक्षा न कीजिए। गर्भ जिसके अंग का भाग है उसकी चेष्टा सबसे अधिक परिवर्तन लाती है।

अब, आधुनिक परिवारों में क्या होता है?


– मॉल से कपड़ा ख़रीदता है ->कोई भावनात्मक संबंध नहीं
– खाली समय में गर्भवती के साथ सभी, खूब टेलीविजन देखते है -> विकारों की विचार प्रक्रिया अंकुरित हो गई
– खाली समय में गर्भवती फोन पर खूब बातें करती हैं -> बच्चे के लिए खतरनाक रेडिएशन (गर्भवती महिलाओं को फोन से पूरी तरह दूर रहने के लिए ब्लैकबेरी ने मैनुअल में छापा है)
– या वह 18 घंटे सोती है -> बहुत अधिक नींद बच्चे की गर्भ संचालन गतिविधियों के लिए अच्छी नहीं है
– निष्क्रिय दिमाग -> अस्थिर मन -> मूड में बदलाव -> हार्मोनल असंतुलन -> बच्चे का विकास बाधित होना

4 thoughts on “मातृत्व से प्राण पोषण”

  1. Very deep thinking..yes,it works..I too had learnt some art during my pregnancy and it was really helpful..it’s like meditation which keeps you calm and engaging in some interesting activities..it reflects in the nature of child also..

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