यदि चातुर्मास में, मलमास आ जाय तो निम्नलिखित विधिका अनुष्ठान करे। भगवान् विष्णुकी प्रतिमा स्थापित करे, जो शंख, चक्र और गदा धारण करनेवाली हो, जिसे पीताम्बर पहनाया गया हो तथा जो सौम्य आकारवाली हो। नारद! उसे शुद्ध एवं सुन्दर पलंगपर, जिसके ऊपर सफेद चादर बिछी हो और तकिया रखी हो, स्थापित करे। फिर दही, दूध, मधु, लावा और घीसे नहलाकर उत्तम चन्दनका लेप करे। तत्पश्चात् धूप दिखाकर मनोहर पुष्पोंसे शृंगार करे। इस प्रकार उसकी पूजा करके निम्नांकित मन्त्रसे प्रार्थना करे—
सुप्ते त्वयि जगन्नाथ जगत्सुप्तं भवेदिदम् ।
विबुद्धे त्वयि बुध्येत जगत्सर्वं चराचरम् ।। (६६।१५)
‘जगन्नाथ! आपके सो जानेपर यह सारा जगत् सो जाता है तथा आपके जाग्रत् होनेपर सम्पूर्ण चराचर जगत् जाग उठता है।’
पद्मपुराण