“Kids learn even when they are sleeping. Never ever engage in verbal wars while kids are around, even sleeping or otherwise.”
जब भी में अभिभावकों से मिलता हूँ तब एक बात अवश्य करता हूँ । जब तक बालक कुमार अवस्था में विवेक बुद्धि प्राप्त नहीं करता (12-14 वर्ष) तब तक आपके सब व्यवहार उसके संस्कार बनाते है । गर्भ से ले कर 12 वर्ष तक । इन वर्षों में, मात्र दिन में नहीं, सोने के बाद भी बच्चे ग्रहणशील होते है। तो यदि आप बच्चों के सोने के बाद मनभेद, मतभेद और पूरे गाँव की गॉसिप कर रहे हो तो निश्चित उसका प्रतिबिंब बालक के चरित्र पर भी पड़ेगा । गर्भ संस्कार पर भार देने वाले समाज को समझना होगा की बालक की निद्रा के लिए पवित्र वातावरण भी गर्भ समान पोषक कार्य करता है।
जैसे निद्रा में झगड़ते माबाप के कुसंस्कार ग्रहण हो सकते है वैसे ही योग निद्रा, निद्रा के बाद बालक को दिए जानेवाले स्वस्ति वचन, लॉरी, शयन समय की कहानियाँ बाल मानस के विकास में अद्भुत कार्य करते है!
इसराएल की तेल अवीव विश्व विद्यालय के इस संशोधन अनुसार , सोने के समय तो हम जागरूक अवस्था से भी अधिक ग्रहणशील होते है!
Dr. Hayat: “After sounds are received in the ear, the signals are relayed from one station to the next within the brain. Until recently it was believed that during sleep these signals decay rapidly once they reach the cerebral cortex. But looking at the data from the electrodes, we were surprised to discover that the brain’s response during sleep was much stronger and richer than we had expected. Moreover, this powerful response spread to many regions of the cerebral cortex. The strength of brain response during sleep was similar to the response observed during wakefulness, in all but one specific feature, where a dramatic difference was recorded: the level of activity of alpha-beta waves.”