After self-learning for 20 years, finally, I am learning from Ayurvedacharya. Will share my learning in simplest form.
Science of Food is the best medicine we can have!
घर घर आयुर्वेद आधारित अन्न खाया जाये यह उद्देश्य से हिंदीमें अन्न पर मेरी समज और शास्त्र संदर्भके साथ चातुर्मास में लिखूंगा | माँ सरस्वती के चरणोंमें इस सरलीकरणको साधना पुष्प के स्वरूपमें अर्पण करना है|
अन्न-जो प्राणको ग्रहण करे ऐसा आहार
पान-जो प्राणका वहन करे ऐसा आहार
यह प्राथमिक माहिती न होने से हम कभी भी कुछभी खाते है..
कभी अधिक प्राण ग्रहण करते है तो कभी प्राण के बिना वहन योग्य अन्न खाते रहते है!
परिणाम: शरीरके अंगोका स्वधर्म पालन करनेमें असहकार! मनुष्य जीवनमें प्राप्त करने वाले पुरुषार्थका असंतुलन!
शूक शमी मांस फल शाक : अन्न है
हरित,अम्बु,गोरस,मद्य,इक्षुविकारिकान : पान है
अन्न-पान में देश,काल,आयु,वर्ण के अनुसार संतुलन , आहार को अमृत बना देता है और शरीरको स्वर्ग !
Your all the topics are tremendously amazing….
Thank you 🙏