आयुर्वेद और सनातन संस्कृति को समझ कर जीवन में लाना तो हमसे होता नहीं! आज स्थिति ऐसे ही की नानी या दादी पुत्रवधू को कुछ कह दे उसको अंधश्रद्धा बोलकर उड़ा देते है! और स्वयं उड़ता चमन हो लेते है | आहार-विहारके नियम का खट्टा डकार आ जाता है| तो आपको चाहिए किसी पाश्चात्य संशोधनका आधार!
गर्भिणी परिचर्या – वैज्ञानिक आधार पर आने वाले बच्चोको एक मजबूत पंचकोशीय शरीर प्रदान करनेकी रीत थी…फिर से घर लाईये!
बात है अन्नपान की! अन्न जो प्राण संग्रह करे और पान जो प्राण का वहां करे!माता के प्राणसे होता है गर्भ निर्माण!
बाल शिक्षणका कार्य बालकके जन्म से पहले, माता-पिताके विवाह संस्कार समय से प्रारंभ होना चाहिए! पीढ़ी दर पीढ़ी, अधिक पढ़ी-लिखी पर सामान्य बुद्धि रहित, पीढ़ी को हम भोग के परिणाम रूप बच्चे पैदा करते देख रहे है – यह धर्म, राष्ट्र और संस्कृतिके पतनके कारण स्वरूप उभर रहा है!
Education process for kids start with their parents’ marriage day! Don’t miss to educate young Hindu couples around you for this!
During pregnancy in mice, the billions of bacteria and other microbes that live in a mother’s intestines regulate key metabolites, small molecules that are important for healthy fetal brain development,!
Reference
https://newsroom.ucla.edu/releases/maternal-microbiota-and-the-fetal-brain