चातुर्मास में कायिक-वाचिक-मानसिक तप क्यूँ?
वर्षाऋतु वात प्रकोप काल है रह सर्वविदित है । वात विकार अधिकांश मानसिक रोगों के मूल होता है । इस ...
Read MoreAwakening the divine within…
वर्षाऋतु वात प्रकोप काल है रह सर्वविदित है । वात विकार अधिकांश मानसिक रोगों के मूल होता है । इस ...
Read Moreजो बात आपके लिए विषरूप है, हो सकता है वह मेरे लिए सच न हो। यदि आहार प्राणविहीन(कृत्रिम,बासी,फैक्ट्री निर्मित सभी ...
Read Moreसभी कर्मकांड में पति-पत्नी साथ क्यूँ? द्विविधा तेजसो वृत्तिः सूर्यात्मा चानलात्मिका ।तथैव रसशक्तिश्र सोमात्मा चानलात्मिका ॥5॥ सूर्य और अग्नि के ...
Read Moreहानिकारक रसायनों की निम्न-स्तरीय सांद्रता के प्रभाव भी 3 पीढ़ियों तक संरक्षित रहते हैं!आपका हार्मोनल डिसफंक्शन या मायोपिया दादाजी के ...
Read Moreकुछ दिन पहले, मैंने मल्टीपल स्केलेरोसिस पर पोस्ट साझा किया था। आधुनिक विज्ञान के अनुसार यह तंत्रिका संबंधी विकार है। ...
Read Moreरथयात्रा काल महत्व आषाढ़ शुक्ल द्वितीया को, देव शयनी एकादशी के 9 दिन पूर्व, रथयात्रा का दिन है। वर्ष ऋतु ...
Read Moreप्रकृति माँ प्रत्येक प्रदेश में प्रत्येक अन्न हर एक ऋतु में उत्पन्न नहीं करेगी। किन्तु हमारे शरीर को षडरस प्रदान ...
Read Moreप्रकाश और अंधकार, सूर्य-चंद्र, प्रोटीन के माध्यम से शरीर में 40 प्रतिशत जीनों की अभिव्यक्ति को नियंत्रित करते हैं।शरीर का ...
Read More———————- Cholesterol – Critical for lung functioning ———————- I have shared it here before that cholesterol fear is artificial. In ...
Read Moreस्कूली व्यवस्था में, निहित स्वार्थों के लिए संस्कृत सीखने को उबाऊ, अनुपयोगी बनाने के जानबूझकर प्रयास किए जाते हैं। निजी ...
Read MoreHindi बकरी के झुंड को एक बार अन्न प्रबंधन मार्ग और विस्तार के मामले में प्रशिक्षित कर दिया जाए तो ...
Read MoreTrees and plants are called औषध in Veda. It is not a random statement! They indeed are! Plant based Food ...
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