#PrachodayatAnnaPaanVidhi Series – Part 1
Food is most important factor to sustain the body given to us! In this series, we will explore different Sastra(s)’ prescriptions for food intake process.
𝐏𝐫𝐞-𝐌𝐞𝐚𝐥 𝐂𝐡𝐨𝐫𝐞𝐬 𝐚𝐧𝐝 𝐃𝐢𝐧𝐧𝐞𝐫 𝐩𝐨𝐬𝐢𝐭𝐢𝐨𝐧
प्राङ्मुखोऽन्नानि भुञ्जीत सूर्याभिमुख एव वा ।
आसीनस्त्वासने शुद्धे भूम्यां पादौ निधाय तु ।। १ ।।
पवित्र आसनपर बैठकर पाँवोंको भूमिपर रखकर पूर्वकी ओर अथवा सूर्याभिमुख होकर अन्न (भोजन) ग्रहण करना चाहिये।
पञ्चार्द्रो भोजनं कुर्याद् भूमौ पात्रं निधाय तु ।
उपवासेन तत्तुल्यं मनुराह प्रजापतिः ।। ३ ।।
पाँचों अङ्गों (दोनों हाथ, दोनों पैर तथा मुख)-का प्रक्षालनकर (भोजन) पात्रको भूमिपर रखकर भोजन करना चाहिये। प्रजापति मनुने इस प्रकारके भोजनको उपवासके समान बताया है।
उपलिप्ते शुचौ देशे पादौ प्रक्षाल्य वै करौ ।
आचम्यार्द्राननोऽक्रोधः पञ्चार्द्रो भोजनं चरेत् ।।
दोनों हाथ, पैर एवं मुखको धोनेके बाद आचमनकर (गोबर इत्यादिसे) लीपे गये पवित्र स्थानमें (बैठकर) क्रोधरहित होकर भोजन करना चाहिये।
कूर्म पुराण
——————–
Dos and Don’ts
——————–













———————————
Sukhasana Meal Position Benefits?
———————————




Reference:
𝐖𝐡𝐲 𝐥𝐞𝐠 𝐜𝐫𝐨𝐬𝐬𝐢𝐧𝐠? 𝐓𝐡𝐞 𝐢𝐧𝐟𝐥𝐮𝐞𝐧𝐜𝐞 𝐨𝐟 𝐜𝐨𝐦𝐦𝐨𝐧 𝐩𝐨𝐬𝐭𝐮𝐫𝐞𝐬 𝐨𝐧 𝐚𝐛𝐝𝐨𝐦𝐢𝐧𝐚𝐥 𝐦𝐮𝐬𝐜𝐥𝐞 𝐚𝐜𝐭𝐢𝐯𝐢𝐭𝐲