क्यूँ क्लेश (अज्ञान\अविद्या मूलक) नाश का इतना महत्व ?
यदि ज्ञान का उदय हो भी जाता है किन्तु चित्त क्लेश युक्त है तो ज्ञान भी क्लेशों से आवृत हो जाएगा (जैसे उदित सूर्य को मेघावरण लग जाता है !) ! क्लेश आवृत ज्ञान असमय और यथोचित न होने पर धर्म हेतु उपयोगी नहीं रहता !
अर्जुन ने विषाद समय में कुल धर्म नाश की ज्ञान पूर्ण बात की थी, शास्त्र अनुरूप भी थी परंतु असमय और स्वधर्म आचरण हेतु अयोग्य थी |
साधना में लगे रहें ! तप , स्वाध्याय और ईश्वर प्रणिधान से क्लेशों को सूक्ष्म बनाते रहें ! शिष्य वृत्ति से आत्मसमर्पण कीजिए | शिष्य वृत्ति से शास्त्र का शासन स्वीकार कीजिए ! गुरु का शासन स्वीकार कीजिए !
शुभ प्रभात