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50 के बाद क्या करना है?
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नर्मदा तट पर स्थित किसी आश्रम में प्रति व्यक्ति प्रति माह 4000 रुपये में दो समय का भोजन, दो समय की चाय और आवास मिल जाता है। यदि आप एक युगल हैं, तो आप 10000 से कम में महीने का प्रबंधन करते हैं। यदि आपके पास इतना भी फंड नहीं है, तो आश्रम की सेवा करें और आपका खाना-पीना मुफ्त हो जाएगा!
इस चरण में स्वयं के साथ जीवन जियो। मां नर्मदा के साथ समय बिताएं। सेवा करो। आश्रम की गतिविधियों में भाग लें। स्वाध्याय (स्वाध्याय) करें। साधना करो। नाम जप। शास्त्र को पढ़ें और समझें। आस-पास के गांवों के बच्चों को पढ़ाएं। शिक्षकों, माता-पिता और अपने कौशल के कार्यबल के लिए कार्यशालाओं की योजना बनाएं, व्यवस्थित करें और निष्पादित करें (उदाहरण के लिए, यदि आप सेवानिवृत्त डॉक्टर हैं, तो उभरते डॉक्टरों के लिए सीएमई करें)।
यह 100 और 100 से अधिक आयु तक स्वस्थ जीवन जीने का तरीका है। यह 50 के बाद जीवन जीने का तरीका है। यह गांवों में धर्म को बहाल करने और पुनर्जीवित करने का तरीका है। यह अगली पीढ़ी को तैयार करने का तरीका है। यह हमारे तीर्थ स्थल और आश्रमों को बनाए रखने का तरीका है।
मंदिर और आश्रमों की दान आधारित अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करें! हमारे मंदिरों को केवल सुबह और शाम की आरती के लिए न चलने दें! उन्हें वानप्रस्थ की शक्ति से उत्कृष्टता का केंद्र बनने दें।
What after 50? (English)
In descent Ashram on the banks of Narmada, one can get two times meal, two times tea and accommodation in Rs 4000 per person per month. If you are a couple, you manage month in less than 10000. If you don’t have even that much fund, do seva for Ashram and your food and living becomes free!
Go, live life with self in this phase. Spend time with maa narmada. Do Seva. Participate in Ashram activities. Do self-study (Swadhyay). Do Sadhana. Nama Japa. Read and understand Sastra. Teach children of nearby villages. Plan, arrange and execute workshops for teachers, parents and workforce of your skillset(for example, If you are retired doctor, do CME for emerging doctors) .
This is the way to live life beyond 100. this is the way to live life after 50. This is the way to restore and revive dharma in villages. This is the way to prepare next generation. This is the way to sustain our Tirth Sthala and Ashrams.
Revive the temple based economy of Daana! Don’t let our temples mere run for Morning and Evening Aarti! Let them become center of excellence with the power of Vanaprastha.
50 વર્ષ પછી હું પ્રયત્ન કરીશ. સંસ્કૃતિ કાર્ય માટે આપણે તૈયાર નહિ રહીએ તો નવી પેઢી કેવી રીતે તૈયાર થશે.
Want to know details of the system? Who are managing the project…..
There is no system. Author of the post just shared his vision. You can explore several Ashram options on the bank of maa narmada.🙏🪔