ज्ञान,विद्या,शिक्षा |
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लोक में शिक्षा, विद्या और ज्ञान एक ही अर्थ में प्रयुक्त होते हैं। शिक्षा ज्ञान का व्यवस्थातन्त्र है। विद्या ज्ञान प्राप्त करने की कुशलता है। ज्ञान पवित्रतम सत्ता है।ज्ञान ब्रह्म का स्वरूपलक्षण है। |
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अधिष्ठान |
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शिक्षा का अधिष्ठान अध्यात्म है। आत्मतत्व को अधिकृत करके जो भी रचना या व्यवस्था होती है वह आध्यात्मिक है । |
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