किसे अच्छा पढ़ने वाला माना जाए?
”माधुर्यमक्षरव्यक्ति: पदच्छेदस्तु सुस्वर: ।
धैर्यं लयसमर्थंच षडेते पाठका गुणा: ।।”
1- माधुर्यम्, 2- अक्षरव्यक्ति:, 3- पदच्छेद:, 4- सुस्वर:, 5- धैर्य:, 6- लयसमर्थ: । एते षडगुणा: सन्ति उत्तमपाठकानाम् ।
यानी वह जिसमें छह खूबियां हों- मधुर वाणी में पढ़ना, अक्षरों को अलग-अलग करके पढ़ना, पदों को भी अलग-अलग करके पढ़ना, ठीक स्वर में पढ़ना, आराम से पढ़ना, लय पर काबू रखना।
गीती शीघ्री शिर:कम्पी तथा लिखितपाठक: ।
अनर्थज्ञो अल्पकण्ठश्च षडेते पाठकाधमा: ।।
1- गीती, 2- शीघ्री, 3- शिर:कम्पी,4- लिखितपाठक:, 5- अनर्थज्ञ:, 6- अल्पकण्ठ: । एते षडावगुणा: सन्ति अधमपाठकानाम् ।
इसके विपरीत जो गाकर पढ़े, तेज से पढ़े, सिर हिला हिला कर पढे, लिखा हुआ ही पढ़ पाए, बिना मतलब समझे पढ़े और जिसका पढ़ा, धीमा होने के कारण समझ न आए वह अधम पाठक है|
As per पाणिनीय शिक्षा, I am definitely a अधम learner at this moment. 🙁 May next birth bestow better utilization of life. 🙂