It is vicious cycle. you ignore your diet, get obesed , lose sleep and then become diabetic! Some more sleep loss …premature aging!
सुखपूर्वक निद्रा से शरीर की पुष्टि व आरोग्य, बल एवं शुक्र धातु की वृद्धि होती है। ज्ञानेन्द्रियाँ सुचारू रूप से ही कार्य करती हैं व व्यक्ति को पूर्ण आयु-लाभ प्राप्त होता है।
निद्रा उचित समय पर उचित मात्रा में लेनी चाहिए। असमय तथा अधिक मात्रा में शयन करने से अथवा निद्रा का बिल्कुल त्याग कर देने से आरोग्य व आयुष्य का ह्रास होता है। दिन में शयन स्वास्थ्य के लिए अत्यन्त हानिकर है परंतु जो व्यक्ति अधिक अध्ययन, अत्यधिक श्रम करते हैं, धातु-क्षय से क्षीण हो गये हैं, रात्रि जागरण अथवा मुसाफिरी से थके हुए हैं वे बालक, वृद्ध, कृश, दुर्बल व्यक्ति दिन में शयन कर सकते हैं।
ग्रीष्म ऋतु में रात छोटी होने के कारण व शरीर में वायु का संचय होने के कारण दिन में थोड़ी देर शयन करना हितावह है।
घी व दूध का भरपूर सेवन करने वाले, स्थूल, कफ-प्रकृतिवाले व कफजन्य व्याधियों से पीड़ित व्यक्तियों के लिए सभी ऋतुओं में दिन की निद्रा अत्यन्त हानिकारक है।
दिन में सोने से होने वाली हानियाँ-
दिन में सोने से जठराग्नि मंद हो जाती है। अन्न का ठीक से पाचन न होकर अपाचित रस (आम) बन जाता है जिससे शरीर में भारीपन, शरीर टूटना, जी मिचलाना, सिरदर्द, हृदय में भारीपन, त्वचारोग आदि लक्षण उत्पन्न होते हैं। तमोगुण बढ़ने से स्मरणशक्ति व बुद्धि का नाश होता है।
अनिद्रा
कारणः वात व पित्त का प्रकोप, धातुक्षय, मानसिक क्षोभ, चिंता व शोक के कारण शांत व गहरी नींद नहीं आती।
लक्षणः शरीर मसल दिया हो ऐसी पीड़ा, शरीर व सिर में भारीपन, चक्कर, जँभाइयाँ अनुत्साह व अजीर्ण ये वायुसंबंधी लक्षण अनिद्रा से उत्पन्न होते हैं।
अनिद्रा दूर करने के उपायः
सिर पर तेल की मालिश, पैर के तलुओं में घी की मालिश, कान में नियमित तेल डालना, संवाहन (अंग दबवाना), रीढ़ की हड्डी व हृदयस्थान की मालिश, घी, दूध (विशेषतः भैंस का), दही व भात का सेवन, सुखकर शय्या व मनोनुकूल वातावरण से अनिद्रा दूर होकर शीघ्र ही नींद आ जाती है।
कुछ खास बातें-
कफ व तमोगुण की वृद्धि से नींद अधिक आती है तथा वायु व सत्त्वगुण की वृद्धि से नींद कम होती है।
रात्रि जागरण से वात की वृद्धि होकर शरीर रूक्ष होता है। दिन में सोने से कफ की वृद्धि होकर शरीर में स्निग्धता बढ़ जाती है। परंतु बैठे-बैठे थोड़ी सी झपकी लेना रूक्षता व स्निग्धता दोनों को नहीं बढ़ाता व शरीर को विश्राम भी देता है।
सोते समय पूर्व अथवा दक्षिण की ओर सिर करके सोना चाहिए।
हाथ पैरों को सिकोड़कर, पैरों के पंजों की आँटी (क्रास) करके, सिर के पीछे तथा ऊपर हाथ रखकर व पेट के बल नहीं सोना चाहिए।
सूर्यास्त के दो-ढाई घंटे बाद सो जाना व सूर्योदय से दो ढाई घंटे पूर्व उठ जाना उत्तम है।
सोने से पहले शास्त्राध्ययन करके प्रणव ॐ का दीर्घ उच्चारण करते हुए सोने से नींद भी उपासना हो जाती है।
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A Link Between Obesity and Sleep Loss? Researchers Identify How Metabolism Regulates Sleep in Worms
Energy conservation may be a major function of sleep, according to new study.
“We think that sleep is a function of the body trying to conserve energy in a setting where energetic levels are going down. Our findings suggest that if you were to fast for a day, we would predict you might get sleepy because your energetic stores would be depleted,” said study co-author David Raizen, MD, PhD, an associate professor of Neurology and member of the Chronobiology and Sleep Institute at Penn.
In humans, acute sleep disruption can result in increased appetite and insulin resistance, and people who chronically get fewer than six hours of sleep per night are more likely be obese and diabetic. Moreover, starvation in humans, rats, fruit flies, and worms has been shown to affect sleep, indicating that it is regulated, at least in part, by nutrient availability. However, the ways in which sleeping and eating work in tandem has remained unclear.
https://www.pennmedicine.org/news/news-releases/2020/april/link-between-obesity-and-sleep
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