क्या आप अतिथि को भोजन के बाद icecream अर्पण करते हो ? या स्वयं ही पसंद करते हो ? इससे बड़ी भोजन कुव्यवस्था आपको इतिहास में कहीं नहीं मिलेगी !
अजीर्ण या अपाचन निश्चित ही होगा ! लघु द्रव्यों के ऊपर गुरु द्रव्य (मधुर)? और वह भी ठंडा ! अभी ठीक ठीक पाचन कार्य प्रारंभ ही हुआ होगा और हम अग्नि कार्य को अति मंद बनाने का अपराध कर देते है ! निःसंदेह ऐसे प्रज्ञा अपराध दोहराने का फल बड़ा गंभीर मिलता है ! स्वधर्म और अतिथि धर्म का पालन कीजिए और icecream को मेनू से निकाल दीजिए !