भोजन ग्रहण करना एक अति पवित्र दैनिक कर्मकांड है। इसे करते करते कुछ बातों का ध्यान अवश्य रखें।
आजकल सामाजिक भोजन संभारम्भों, पार्टी में चलते चलते, हसते हसाते भोजन होता है। यह पाचन प्रक्रिया में विक्षेप है। इसके दुष्परिणाम दुरोगामी है।
चरक संहिता अनुसार
नातिद्रुतमश्नीयात्; अतिद्रुतं हि भुञ्जानस्योत्स्नेहनमवसादनं भोजनस्याप्रतिष्ठानं च, भोज्यदोषसाद्गण्योपलब्धिश्च न नियता; तस्मान्नातिद्रुतमश्नीयात्
जैसे ही हम अन्न ग्रहण करते है, वैसे ही हमारा मन उसके स्वाद, गुण, अवगुण का विश्लेषण प्रारंभ कर देता है। अति गति से भोजन करने से, मन बातों में उलझा हो, हास्य प्रक्रिया चल रही हो तब मन यह महत्वपूर्ण विश्लेषण नहीं कर पाता । इससे भूख से अधिक ग्रहण हो जाता है । यह एक प्रकार का प्रज्ञा अपराध है। मन से विश्लेषण न होने पर, योग्य पाचकरस के अभाव में ग्रहण किए आहार का सम्यक उपयोग नहीं होगा।
आधुनिक विज्ञान के तारण [1][2][3] बताया रहे है की त्वरा से, गति से, भोजन करने पर मेदस्व बढ़ता है और हृदय रोग होने की संभावना भी बढ़ जाती है। एसिडिटी भी होती है। आंतों का अल्सर भी।
भोजन ग्रहण करने के दर के साथ हमारी भावना भी जुड़ी हुई है। भोजन मात्र मुख से नहीं होता। चक्षु, घ्राण, कान और त्वचा से भी अन्न ग्रहण होता है। यह इंद्रियों से ग्रहण हुई अन्न की माहिती (चित्र, गंध, चबाने का ध्वनि, अन्न का सतह), हमारे स्मृति पटल से भूतकाल में ऐसे ही अन्न के पाचन हेतु जो अग्नि और पाचक रसों के आवश्यकता थी उस अनुसार कोष्ठ को तैयार करता है। साथ साथ, यह भूतकाल से अन्न से जुड़े अच्छे बुरे प्रसंग की स्मृति भी पटल पर जीवंत कर देती है। यह स्मृति, अन्न को शरीर का भाग बनाने हेतु, आवश्यक है!
भोजन समय, भोजन पर केंद्रित इंद्रियों से किए गए माहिती विस्फोट के कारण तृप्त मस्तिष्क, संवेदी अधिभार के कारण, हमारे पेट में खिंचाव रिसेप्टर्स की सक्रियता के साथ मिलकर, हमें संतुष्ट (तृप्त, जैसा कि मनोवैज्ञानिक कहते हैं) छोड़ देता है। घ्राण बल्ब में, मस्तिष्क के तने की गहराई से फाइबर माइट्रल कोशिकाओं को बंद कर देते हैं ताकि हम जो खा रहे हैं उसकी गंध से वे सक्रिय न हो सकें। कितना भी मनभावन भोजन क्यूँ न हो , सम्यक गति से, भोजन का सभी इंद्रियों की सावधान अवस्था में ग्रहण करने से overeating(भूख से अधिक खाना) होने से बच सकते हो!
सामाजिक प्रसंगों पर आनंद करना, योग्य है पर भोजन के समय को छोड़ दो!
व्यस्त जीवन में, हमारे अस्तित्व का आधार ऐसा भोजन, के लिए योग्य समय का प्रबंधन कीजिए।
[1] https://www.medicalnewstoday.com/articles/320056
[2] https://www.healthline.com/nutrition/eating-fast-causes-weight-gain
[3] https://www.mdpi.com/2072-6643/12/4/1080