Our education system does not bother whether we perform our svadharma or not. And so, living 100 years by continuously engaged in dharma-karya is never set as lifegoal. Eat, drink and be merry – that is it. Every pre-mature death is toll against the dharma! We must avoid it!
Premature deaths are due to these 6 errors. Please train kids to avoid these errors. Their current education system is least bothered about it.
(महाभारत – उद्योग पर्व – ३७ ९-१०-११)
अपनी उत्सुकता जाहिर करते हुए धृतराष्ट्र ने पूछा-
शतायुरुक्त: पुरुष: सर्ववेदेषु वै यदा।
नाप्नोत्यथ च तत् सर्वमायु: केनेह हेतुना।।
अर्थात
जब सभी वेदों में पुरुष को 100 वर्ष की आयु वाला बताया गया है तो किस कारण से कोई अपनी पूर्ण आयु नहीं जी पाता?
धृतराष्ट्र के जवाब में विदुर कहते हैं-
अतिमानोअतिवादश्च तथात्यागो नराधिप।
क्रोधश्चात्मविधित्सा च मित्रद्रोहश्च तानि षट्।।
एत एवासयस्तीक्ष्णा: कृन्तन्यायूंषि देहिनाम्।
एतानि मानवान् घ्नन्ति न मृत्युर्भद्रमस्तु ते।।
अर्थात
अत्यधिक अभिमान, अत्यधिक बोलना, त्याग की कमी, क्रोध, स्वार्थ, मित्र द्रोह ये छह चीजें किसी मनुष्य की आयु को कम करती हैं।