
prachodayathealth
महाशिवरात्रि के शुभेच्छा संदेश गत, में मित्रों को नित्य पानी उबालकर पीने हेतु बताया था? सच्चे अर्थ में नीलकंठ स्वभाव धारण करने का काल चल रहा है।
आप कितने भी शुद्ध अन्न-जल की व्यवस्था कर लो, वैश्विक कुचक्र के कारण उसे प्लास्टिक रूपी विष से परे रखना संभव नहीं है।
न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित एक नए अध्ययन ने मुझे माइक्रोप्लास्टिक्स को अधिक गंभीरता से लेना शुरू करने के लिए आश्वस्त किया है (अध्ययन का शीर्षक: एथेरोमास और कार्डियोवस्कुलर इवेंट्स में माइक्रोप्लास्टिक्स और नैनोप्लास्टिक्स)।
माइक्रोप्लास्टिक्स और नैनोप्लास्टिक्स की उपस्थिति के लिए 304 प्रतिभागियों की कैरोटिड धमनियों से प्राप्त प्लाक नमूनों का विश्लेषण करने वाला यह अपनी तरह का पहला अध्ययन था। उन्होंने 34 महीनों तक प्रतिभागियों का अनुसरण किया और उनके नमूनों में माइक्रोप्लास्टिक्स और नैनोप्लास्टिक्स वाले नमूनों की तुलना बिना माइक्रोप्लास्टिक्स और नैनोप्लास्टिक्स वाले नमूनों से की। नतीजे काफी चिंताजनक थे.
- खेती के साधनों से ले कर अन्न वहन और संग्रह हेतु प्लास्टिक उपयोग होता है। हमारे बीज अर्थात नित्य आहार के धान्य में भी प्लास्टिक है। [1]
- सभी जल स्रोत, जल प्रसारण प्लास्टिक के माध्यम से होता है। जल संग्रह भी प्लास्टिक में। [2]
- संशोधन अनुसार शरीर के धमनियों के प्रवाह को अशांतअस्तव्यस्त करते प्लाक नमूनों में 50% प्लास्टिक है।[3]
सभी ग्राह्य पदार्थ में, पानी सबसे अधिक मात्रा में हम ग्रहण करते है और उसमे प्लास्टिक के सूक्ष्म कान सहजता से शरीर का भाग बन जाते है। पेय जल को प्लास्टिक से मुक्त करने हेतु, जल ग्रहण करने से पहले उसे सूर्य प्रकाश में या अग्नि से तप्त करो, ठंडा होने पर सतह पर जमी श्वेत परत छान कर पूरी रात मिट्टी के मटके में रखो। इस विधि के बाद ही पानी ग्रहण करने का आग्रह रखो। प्रवास में अपना पानी जितना हो, साथ ले कर चलो।[4]
[1] https://www.bbc.com/future/article/20230103-how-plastic-is-getting-into-our-food
[2] https://extension.psu.edu/microplastics-in-our-waters-an-unquestionable-concern
[3] https://www.sciencealert.com/plastic-found-inside-more-than-50-of-plaques-from-clogged-arteries
[4] https://www.sciencealert.com/theres-a-surprisingly-simple-way-to-remove-microplastics-from-your-drinking-water