
prachodayatspark
आजकल हमारी सामाजिक और आध्यात्मिक महत्वकांक्षा राजकीय अथवा स्पिरिच्वलमोटिवेशनल संस्थाओ से पोषित होती है। कभी कभी सोशल मीडिया की प्रसिद्धि भी मूल में होती है।
दुनिया में सुधार से पहले स्व में सुधार।
वास्तव में स्व, और हमारे परिवार में धर्म स्थिरता ही हमारा कुरुक्षेत्र अर्थात धर्म क्षेत्र है ! यदि गृहस्थ हो तो अपना कुरुक्षेत्र पहचानो ।