योग प्रचार कैसे ?

Marut

Yoga

अच्छी बात है योग का वैश्विक प्रचार हो रहा है | एक भारतीय होने के नाते, क्या हमें योगके प्रचारको मात्र ऊपरी ओछे स्तर पर सीमित रखना चाहिए ? आजकल, सर्कसके करतब भी योग के नाम पर बिकते है | एक भारतीय होने के नाते, यह हमारा दायित्व है के हम योग की योग्य परिभाषाको , पहले अपने जीवन में और बाद में समाज और विश्वमें प्रस्थापित करें !
उदाहरण के लिए लीजिए पद्मासन – करने में सरल लगने वाले इस आसन के लिए हठयोग में क्या कहा है ?
इदं पद्मासनं प्रोक्तं सर्व-व्याधि-विनाशनम्।
दुर्लभं येन केनापि धीमता लभ्यते भुवि॥हयो-१.४९॥
इस प्रकार सर्व व्याधियों को विनष्ट करने वाले पद्मासन का वर्णन किया। यह दुर्लभ आसन किसी विरले बुद्धिमान पुरूष को ही प्राप्त होता है।
समझो.. जिसे आप एक सरल क्षारिक आसन समझते हो उसे सिद्ध करना भी दुष्कर है ! पूरा जीवन एक मात्र पद्मासनके अभ्यास में भी जा सकता है !

Leave a Comment

The Prachodayat.in covers various topics, including politics, entertainment, sports, and business.

Have a question?

Contact us