2022 में मैने यह पोस्ट लिखी थी:
“Intensity of and type of exercise should be decided daily, based on state of bodily fire and season of the month.
Same intensity=silent killer
Modern Gym goers – alert for you. So many exercise obsessed are colappasing due to unscientific mindless exercise regime( and some other reasons too).
पसीना छूटने लगने तब तक कसरत हो, तद पश्चात रुको, अपने शारीरिक बल का निरीक्षण करो।
यदि उत्साह और स्फूर्ति बनी हुई है और ऋतु का भी साथ है(हेमंत, शिशिर, वसंत) तो अधिक कर सकते हो।
शरीर बल और ऋतु का साथ(ग्रीष्म, वर्षा, शरद) न हो तो पसीना आने तक का व्यायाम पर्याप्त है।
अपनी शरीर और मन की सीमा बढ़ाना चाहते हो तो भी शनै शनै हो। एक दिन, एक महीना और एक वर्ष भी, कभी कभी, प्रयाप्त नहीं।
जो व्यायाम शरीर बल परीक्षण की बात है वह बाल, तरुण, युवान अवस्था में अधिकतर लागू नहीं होती क्योंकि प्राकृतिक विकास की अवस्था होने से बल असीमित होता है। ३० की आयु पार करने पर, व्यायाम नियम से, शरीर बल और ऋतु अनुसार करना चाहिए।”
आज एक इस संदर्भ में एक शोध पत्र पढ़ा
अत्यधिक व्यायाम के शौकीनों के लिए बुरी खबर: अत्यधिक तीव्र व्यायाम आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर कर सकता है।
इंस्टाग्राम रील्स प्रेरित व्यायाम से बचिए। क्षमता से अधिक, अग्निबल से विपरीत व्यायाम रोप्रतिकारकता क्षीण कर रोगीष्ठ जीवन को निमंत्रण है।
“People who are very fit might be more prone to viral respiratory
infection immediately after vigorous exercise,” said Pacific Northwest
National Laboratory (PNNL) biomedical scientist Ernesto Nakayasu.
“Having less inflammatory activity to fight off an infection could be
one cause.” While there is strong evidence to suggest that moderate
physical activity among healthy individuals can favor the immune
system in the long run, what happens to the immune system directly
following vigorous exercise is controversial.
Ref: https://www.sciencealert.com/study-finds-potential-downside-to-vigorous-exercise-we-didnt-know-about