सहजीवन और सहकार भावना हेतु ताड़न

Nisarg Joshi

thoughts

Fish Parenting
Fish Parenting

दश वर्षाणि ताडयेत्

चाणक्यनीति में आयु अनुसार शिक्षण प्रणाली का वर्णन है। “दश वर्षाणि ताडयेत्” अनुसार जीवन के ५ से १५ वर्ष के अंतराल में बच्चों का ताड़न करना चाहिए।

ताड़न की आयु(५-१५) में विविध जीवन के आयामों में विवेक का अभ्यास करवाना चाहिए।
निद्रा विवेक, वारी विवेक, आहार विवेक, वायु विवेक, समय विवेक, अर्थ विवेक, वाणी विवेक, व्यायाम विवेक।
प्रथम विषय है वायु विवेक

ताडनका अर्थ जोर जबरदस्ती नहीं अपितु समझदारी पूर्वक उत्पादक प्रवृत्तिओ से जीवन में श्रम और संयमका महत्व स्थिर करना|
इस आयु ताडन न किया तो इससे बड़ा कुल, परिबार, राष्ट्र और बालक स्वयंका सबसे बड़ा अहित नहीं|
घरके छोटे छोटे कार्यमें बच्चोकी मदद लो|
श्रम और संयमसे ही बालकका प्राण स्थिर हो कर प्राणमय कोषका विकास होगा!

ताड़न से सहजीवन, सहकार और यज्ञीय भावना भी निर्माण होती है! दूसरे शब्दों में, सहकार और यज्ञीय भावना से जीवन जीना ही मनुष्य का लक्षण है। मनुष्य बाल को मानवीय बनाने हेतु ताड़न आवश्यक है।

भावनात्मक हो कर ताड़न से चुके तो आप मनुष्य निर्माण से चुके।

रोचक तथ्य: मछली भी ताड़न करती है

एक संशोधन अनुसार, समूह में रहने मछलियाँ भी ताड़न करती है!

“जबकि मनुष्यों के बीच इस बात पर आम सहमति बढ़ती जा रही है कि बच्चों को शारीरिक अनुशासन देने से लाभ की अपेक्षा हानि होती है, मछलियाँ इससे असहमत हो सकती हैं।”

सहस्राब्दियों से, मानव समाज सहयोग को बढ़ावा देने और सामाजिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए ताड़न का उपयोग करता रहा है। लेकिन मनुष्य ही एकमात्र ऐसी प्रजाति नहीं है जो बेहतर सहयोगात्मक व्यवहार की तलाश में है। तो अन्य जानवर इसे कैसे हासिल करते हैं?

Their results showed that dominant breeders physically attacked idle helpers — including their own offspring — to promote the latter’s participation in cooperative activities. Indeed, those experiencing such aggression subsequently increased their efforts in helping behaviors. In contrast, helpers who engaged proactively in helping behaviors avoided aggression from dominant breeders.

“Our study demonstrated that nonhuman animals also use punishment to elicit cooperative behaviors in group members,” Awata said.

https://www.omu.ac.jp/en/info/research-news/entry-55269.html

Leave a Comment

The Prachodayat.in covers various topics, including politics, entertainment, sports, and business.

Have a question?

Contact us