कोष्ठ अग्नि का ही स्थूल स्वरूप कोष्ठ में स्थित microbes (सूक्ष्म जीवाणु) है।
और यह कोष्ठ अग्नि हमें उपहार में मिलता है हमारी माताजी से। जिसे जन्म प्रकृति कहते है।
यह कोष्ठाग्नि का उपहार कितना उच्च होगा यह मात्र माता की गर्भावस्था की दिनचर्या नहीं पर माता की कुमार अवस्था की दिनचर्या पर भी निर्भर करता है।
इसीलिए भारतीय शिक्षण व्यवस्था 6 से 15 वर्ष ताड़न के शिक्षण की बात करती है। 6-15 वर्ष की आयु में, संघर्ष, सहनशीलता, शिस्त, संयम, श्रम होना ही चाहिए ! अपनी संतान को बार्बी की तरह सजा कर न रखो! Instagram पर नचनिया बनना, AC आवासों और स्कूल में ही रहना, जीवन की वास्तविकता से कोसों दूर पलना \बढ़ना – यह न मात्र संतान के लिए प्राणघातक है पर आनेवाली सभी पीढ़ियों के लिए निर्बल कोष्ठाग्नि प्रेरक है! सावधान !
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Research
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Because babies acquire their first gut microbes passing through their mother’s birth canal, mothers’ microbiomes form the basis of their offspring’s.
Hardship experienced by mothers during their own childhood or during pregnancy is reflected in the composition of their 2-year-old children’s gut microbiome.
https://newsroom.ucla.edu/releases/hardship-affects-gut-microbiome-across-generations