चातुर्मास में अधिक मास – पूजा विधान
यदि चातुर्मास में, मलमास आ जाय तो निम्नलिखित विधिका अनुष्ठान करे। भगवान् विष्णुकी प्रतिमा स्थापित करे, जो शंख, चक्र और ...
Read MoreAwakening the divine within…
यदि चातुर्मास में, मलमास आ जाय तो निम्नलिखित विधिका अनुष्ठान करे। भगवान् विष्णुकी प्रतिमा स्थापित करे, जो शंख, चक्र और ...
Read Moreवस्त्रा पुत्राय मातरो वयन्ति । – ऋगवेद इसका शाब्दिक अर्थ है – बच्चों के लिए माताएं वस्त्र बुन रही हैं। ...
Read Moreमनोरंजन या व्यवसाय के रूप में आज स्क्रीन समय भयजनक रूप में बढ़ गया है । परिणाम स्वरूप, अनेक लोग ...
Read Moreअंगारे भी अग्नि है और अग्नि की भभूकती शिखा भी अग्नि ही है । 4 महीने के लिए देव शयन ...
Read Moreवर्षाऋतु वात प्रकोप काल है रह सर्वविदित है । वात विकार अधिकांश मानसिक रोगों के मूल होता है । इस ...
Read Moreजो बात आपके लिए विषरूप है, हो सकता है वह मेरे लिए सच न हो। यदि आहार प्राणविहीन(कृत्रिम,बासी,फैक्ट्री निर्मित सभी ...
Read Moreसभी कर्मकांड में पति-पत्नी साथ क्यूँ? द्विविधा तेजसो वृत्तिः सूर्यात्मा चानलात्मिका ।तथैव रसशक्तिश्र सोमात्मा चानलात्मिका ॥5॥ सूर्य और अग्नि के ...
Read Moreहानिकारक रसायनों की निम्न-स्तरीय सांद्रता के प्रभाव भी 3 पीढ़ियों तक संरक्षित रहते हैं!आपका हार्मोनल डिसफंक्शन या मायोपिया दादाजी के ...
Read Moreकुछ दिन पहले, मैंने मल्टीपल स्केलेरोसिस पर पोस्ट साझा किया था। आधुनिक विज्ञान के अनुसार यह तंत्रिका संबंधी विकार है। ...
Read Moreरथयात्रा काल महत्व आषाढ़ शुक्ल द्वितीया को, देव शयनी एकादशी के 9 दिन पूर्व, रथयात्रा का दिन है। वर्ष ऋतु ...
Read Moreप्रकृति माँ प्रत्येक प्रदेश में प्रत्येक अन्न हर एक ऋतु में उत्पन्न नहीं करेगी। किन्तु हमारे शरीर को षडरस प्रदान ...
Read Moreप्रकाश और अंधकार, सूर्य-चंद्र, प्रोटीन के माध्यम से शरीर में 40 प्रतिशत जीनों की अभिव्यक्ति को नियंत्रित करते हैं।शरीर का ...
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