भौतिक कौशल, ज्ञान या सिद्धि, यह नहीं देखती के उसका करता अच्छा है बुरा, धार्मिक है या असुर । जो कोई भी इसे सीखता है और इसका उपयोग करता है, उसे फल मिलता है। यही सनातन सिद्धांतों की सुंदरता है। उन्हें अच्छे या बुरे का कोई पूर्वाग्रह नहीं है।
पञ्चतन्त्र says:
शस्त्रैर्हतास्तु रिपवो न हता भवन्ति प्रज्ञाहताश्च नितरां सुहृता भवन्ति ।
शस्त्रों से मारे गये शत्रु कभी नहीं मरते। पूर्ण विनाश (सर्वनाश) तभी संभव है जब उनकी प्रज्ञा/बुद्धि को मार दिया जाए।
आज भारत के शत्रु यही पंचतंत्र के सिद्धांतों को अपना कर भारत के विषय में भारतीयों की हो बुद्धि का नाश कर रहे है । टेलीविजन धारावाहिकों, OMG, PK जैसी फिल्मों, धन-केंद्रित शिक्षा और क्रिकेट, फुटबॉल में सट्टा और फिल्मों के नकली नायकों के महिमामंडन जैसी प्रचार मशीनों द्वारा आधुनिक वैश्विक सत्ता केंद्र यही कर रहे हैं – भारतीयों की सांस्कृतिक प्रज्ञा का नाश!
हम युद्ध में हैं। अभी भी आपको संदेह है? ठीक है, यदि आपको अभी भी संदेह है, तो सर्वनाश की प्रतीक्षा करें और अपने बच्चों को मन-स्थान में खेले जाने वाले छद्म युद्धों के प्रति अज्ञानपूर्ण समर्पण के लिए आपको कोसते हुए देखें।
यह पोस्ट मैने OMG part 1 की रिलीज के समय लिखी थी ।
OMG2 – पारिवारिक फिल्म की आड़ में, यौन शिक्षण परोसा जाएगा। ब्रह्मचर्य को मजाक बनाया जाएगा (जोकि आयुर्वेद अनुसार, आहार, निद्रा के साथ, हमारे अस्तित्व का एक स्तम्भ है) बच्चों के कोमल मन को विकारों से भरना, कलियुगी माँ बाप का स्वभाव सा बन गया है। सावधान – शत्रु को पहचानिए!