जैसे एक बार इस मंच पर लिखा था, गुरुकुल व्यवस्था में प्रवेश प्रक्रिया विवाह संस्कार से होती है । होनेवाले पति पत्नी उत्तम संतान हेतु कितने तत्पर है उससे निर्णय होगा की आनेवाले समय में कौन गुरुकुल शिक्षण व्यवस्था में अपने बच्चों को भेजेगा ।
उत्तम संतान उत्पत्ति का विज्ञान का ज्ञान आज समाज से लोप है । हनीमून और एक रात्रि के संग का काल चल रहा है । ऐसे काल में, कोई शंका नहीं की समलैंगिकों की संख्या समाज में बढ़ रही है ।
यह एक शृंखला में उत्तम संतान प्राप्ति अर्थात क्या करना, क्या नहीं करना उसके विषय में चर्चा करेंगे ।
उत्तम गर्भ कैसे निर्माण होता है ?
Charak Samhita : Sharira Sthana Chapter 2
शुक्रासृगात्माशयकालसम्पद् यस्योपचारश्च हितैस्तथाऽन्नैः |
गर्भश्च काले च सुखी सुखं च सञ्जायते सम्परिपूर्णदेहः||
By (the excellence of) healthy sperm, ovum, aatma, uterus, time and by management with wholesome diet, the normal fetus gets delivered in fully developed state in time and with ease.
(1) Healthy Sperm
(2) Healthy Ovum
(3) उत्तम Aatma
(4) उत्तम गर्भाशय
(5) योग्य काल पर किया गया संग
(6) योग्य अन्नपान विधि अनुसार गर्भिणी का आहार
सोचिए – पिछले जन्म का तो मात्र 16.6666666667 % भाग है । बाकी सब तो होनेवाले माता पिता के हाथ में है । संतान इच्छुक दम्पत्ति यदि चाहे तो आनेवाले जीव के प्रारब्ध कर्म के फल की तीव्रता भी काट सकते है (जीव को उत्तम शरीर, मन, वातावरण प्रदान कर) ।
आज गर्भ संस्कार पर ढेरों शिबीर / सेमीनार हो रहे है फिर भी समाज में उसका परिणाम नहीं दिख रहा । इसका कारण क्या ? देखेंगे शृंखला के अगले चरण में ।