Daily Thoughts for 11 July

Nisarg Joshi

thoughts

मातृत्व
क्या मातृत्व मात्र नैतिक दायित्व मात्र है?
यदि आप की ऐसी सोच है तो यह बड़ी गंभीर बात है।
मातृत्व स्वधर्म से उच्च कर्म है।

मातृत्व की प्रधानता के विषय में, यह कोरी भावुकता या शुष्क ज्ञान के प्रभाव में नही लिखा गया तपोनिष्ठ मातृत्व के परिणाम के साक्षात्कार के पश्चात लिखा है।

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मातृत्व बिना कैसा प्राथमिक शिक्षण?
मातृत्व के दायित्व की उपेक्षा कर, कला, कौशल, वित्त और भोग को प्रधानता?
मानवीय तो नही ही है।
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Narrative
यदि आप के घर में वर्षा ऋतु के सौन्दर्य गीत नहीं गाए जाते तो निश्चित ही घर के बच्चे “Rain Rain Go Away” ही गाएंगे !
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दिवास्वप्न
दिवास्वप्न वर्जित है। मात्र दोपहर में सोना नहीं! सूर्योदय के बाद उठना भी दिवास्वप्न હૈ!
विकृत कफ़ कारक..
डिप्रेशन से ले कर केन्सर तक..
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जल सिंचन यज्ञ
वायु और सूर्य मेरे हवनको स्वीकार करे और आकाशमंडलके जलको वृष्टिसे इस पृथ्वीमाँको सिंचित करे |
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